जया एकादशी 2025 | Jaya Ekadashi 2025

जया एकादशी 2025 | Jaya Ekadashi 2025

जया एकादशी माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने का दिन माना जाता है।

जया एकादशी 2025 की तिथि (Jaya Ekadashi 2025 Ki Tithi)

  • तिथि: 11 फरवरी 2025 (मंगलवार)
  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 10 फरवरी को सुबह 8:12 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 11 फरवरी को सुबह 10:47 बजे
  • व्रत पारण समय: 12 फरवरी को सुबह 7:10 बजे से 9:20 बजे तक

जया एकादशी का महत्व (Jaya Ekadashi Ka Mahatav)

  1. पापों का नाश: यह व्रत व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त करता है।
  2. देवताओं की कृपा: देवता और पितृों को प्रसन्न करने के लिए इसे सर्वोत्तम व्रत माना गया है।
  3. आत्मिक शुद्धि: इस व्रत से मन और आत्मा को शुद्धता प्राप्त होती है।

व्रत विधि (Vrat Vidhi)

  1. प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा करें और फल, फूल, तुलसी, और दीपक अर्पित करें।
  3. जया एकादशी की कथा सुनें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  4. रात्रि में जागरण करें।
  5. द्वादशी तिथि में व्रत का पारण करें।

जया एकादशी की कथा (Jaya Ekadashi Ki Katha)

देवलोक में गंधर्व माल्यवान और पुष्पवंती रहते थे। एक बार इंद्रदेव ने नृत्य का आयोजन किया जिसमे माल्यवान पुष्पवंती के मोह में आ गया और गान में त्रुटि हो गई | इस बात से क्रोधित होकर इंद्रदेव ने उन दोनो पिशाच योनि में जाने का श्राप दे दिया | बाद में जब एकादशी आई तो माल्यवंत और पुष्पवंती ने जया एकादशी का व्रत किया और विष्णु जी की कृपा से दोनो  अपने गंधर्व स्वरूप में लौट आए |

निष्कर्ष (Conclusion)

जया एकादशी व्रत भगवान विष्णु की कृपा और पापों से मुक्ति के लिए किया जाता है। इसे करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है।

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