Basant Panchami : बसंत पंचमी, जिसे श्री पंचमी या सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख त्योहार है। यह दिन देवी सरस्वती, जो ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा की देवी हैं, की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है, जब प्रकृति खिल उठती है और चारों ओर हरियाली व खुशहाली छा जाती है।
माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान और विवेक में वृद्धि होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद जीवन में संगीत और मधुरता लाने के लिए देवी सरस्वती को प्रकट किया। उनके वीणा वादन से है।
वर्ष 2025 में बसंत पंचमी 02 फरवरी को मनाई जाएगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त: [07:10 AM – 12:40 PM]
यह दिन शिक्षा, कला, और नई शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
बसंत पंचमी न केवल धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह प्रकृति के साथ सामंजस्य का भी प्रतीक है। इस दिन पेड़-पौधे, सरसों के फूल और खेतों की हरियाली उत्सव का हिस्सा बनते हैं।
बसंत पंचमी न केवल देवी सरस्वती की आराधना का पर्व है, बल्कि यह प्रकृति, ज्ञान और परंपरा का अनूठा संगम भी है। यह दिन जीवन में सकारात्मकता, ज्ञान और उल्लास का संदेश देता है।
“संगीत, ज्ञान और उल्लास से भरें अपना जीवन!”
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