श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Shri Somnath Jyotirlinga): 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Shri Somnath Jyotirlinga): 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Shree Somnath Jyotirlinga) :-

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्।

भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये॥

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगो में प्रथम ज्योतिर्लिंग है l यह गुजरात राज्य के सौराष्ट्र जिले में अरब सागर के किनारे स्थित हैं l इस स्थान पर चंद्रमा ने भगवान शिव को अपना नाथ मानकर उनकी तपस्या की थी और चंद्रमा का एक नाम सोम हैं इसलिए इन्हे सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता हैं l मान्यता हैं कि श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से मनुष्य सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो जाता हैं और मनोवांछित फल को प्राप्त करता हैं l

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कथा (Shree Somnath Jyotirlinga Utpatti Katha )  :-

शिव पुराण के अनुसार, चंद्रमा का विवाह राजा दक्ष की 24 कन्याओं से हुआ था, लेकिन चंद्रमा केवल रोहिणी से ही प्रेम करते थे और बाकी कन्याओं की उपेक्षा करते थे। यह देख बाकी कन्याएं दुखी होकर अपने पिता दक्ष के पास गईं और अपनी पीड़ा व्यक्त की। दक्ष ने चंद्रमा को कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन चंद्रमा केवल रोहिणी में ही आसक्त रहे। इससे क्रोधित होकर दक्ष ने उन्हें शाप दिया कि वे क्षयरोग से पीड़ित हो जाएंगे। 

दक्ष के शाप के कारण चंद्रमा धीरे-धीरे क्षीण होते गए, जिससे पूरे संसार में हाहाकार मच गया। देवताओं ने इस संकट को महसूस किया और चंद्रमा को ब्रह्मा जी के पास ले गए। ब्रह्मा जी ने चंद्रमा को प्रभास क्षेत्र में जाकर भगवान शिव की आराधना करने की सलाह दी। चंद्रमा ने प्रभास क्षेत्र में निरंतर 6 माह तक 10 करोड़ महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें शापमुक्त किया। 

हालांकि, भगवान शिव ने यह वरदान भी दिया कि एक पक्ष में उनकी कला क्षीण होती रहेगी और दूसरे पक्ष में वह पुनः बढ़ेगी। इस प्रकार, भगवान शिव ने सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा के लिए इस स्थान पर निवास किया और यह स्थान ‘सोमनाथ’ के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन महत्व (Importance of Shree Somnath Jyotirlinga Darshan ) :-

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। यह स्थान भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग दिखाता है। श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से भक्त सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं l प्रभासक्षेत्र स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन स्कंद पुराण, महाभारत और श्रीमद्भागवत पुराण आदि ग्रंथो में भी की गई हैं l

ज्योतिर्लिंग की महिमा केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।

यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारतीय स्थापत्य कला और संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण है। इतिहास के पन्नों में इसे कई बार ध्वस्त किया गया और पुनर्निर्माण किया गया, जिससे यह मंदिर भारतीय धरोहर और आत्मबल का प्रतीक बन गया है।

सोमनाथ मंदिर का इतिहास भी संघर्षों और पुनर्निर्माणों का प्रतीक रहा है। कई बार इस मंदिर को विध्वंस किया गया, लेकिन हर बार यह और भी भव्य रूप में पुनर्निर्मित हुआ। यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि अद्वितीय वास्तुकला और समृद्ध इतिहास का जीवंत प्रमाण है।

सोमनाथ मंदिर की स्थापत्य कला (Somnath Mandir ki Sthapatya kala ):

सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। यह चोल शैली में बना हुआ है, जो उस समय की भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। वर्तमान सोमनाथ मंदिर की संरचना को इस तरह से बनाया गया है कि इसमें मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक की दृष्टि में समुद्र का अद्वितीय दृश्य दिखाई देता है। इसका शिखर लगभग 155 फीट ऊँचा है और इसमें नक्काशीदार स्तंभ, सुंदर तोरण, और विशाल मंडप हैं। मंदिर का गर्भगृह एक दिव्य ज्योतिर्लिंग को समर्पित है, और यहां आने वाले भक्तों को असीम शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।

सोमनाथ की यात्रा का उचित समय (Best Time To Visit Somnath Yatra):

सोमनाथ मंदिर की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय सितंबर से मार्च के बीच का है। चूंकि यह स्थान समुद्र तट के पास स्थित है, इसलिए गर्मियों में यहाँ का तापमान काफी अधिक होता है। सर्दियों के मौसम में यहां का वातावरण बेहद सुखद और ठंडा होता है, जिससे आप बिना किसी असुविधा के मंदिर और आसपास के क्षेत्रों का आनंद ले सकते हैं। 

सोमनाथ की यात्रा में मंदिर के अलावा आप समुद्र तट का आनंद भी ले सकते हैं। यहां की लहरों की आवाज और मंदिर की घंटियों की गूंज एक साथ मिलकर अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव देती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आस्था, इतिहास और भव्यता का संगम है। इस पवित्र स्थल का दर्शन जीवन के सभी संकटों का समाधान है और भक्तों के लिए मोक्ष का द्वार खोलता है। यहां भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर, हर व्यक्ति अपने जीवन को आध्यात्मिक ऊँचाइयों पर ले जा सकता है। अगर आप इस ज्योतिर्लिंग की यात्रा पर नहीं गए हैं, तो एक बार जरूर जाएं और प्रभु की कृपा प्राप्त करें।

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप उनकी official website visit कर सकते हैं l 

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