सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से शिव जी के भक्तों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान शिव जगत के संहारक और कल्याणकारी देवता हैं। सोमवार को उनकी उपासना करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और भक्तों को शांति तथा सुख की प्राप्ति होती है।
सोमवार को भगवान शिव का विशेष दिन माना जाता है क्योंकि:
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा विधि इस प्रकार है:
शिव चालीसा और आरती
भगवान शिव की चालीसा पढ़ें और अंत में आरती गाकर पूजा पूर्ण करें।
“ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखत त्रिभुवन जन मोहे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूलधारी।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ स्वामी ओम जय शिव ओंकारा॥
आरती के समय दीपक जलाकर भगवान शिव के समक्ष भक्तिभाव से आरती गाएँ और उन्हें श्रद्धा से प्रणाम करें।
सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत करने का विशेष महत्व है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को प्रातः स्नान करके संकल्प लेना चाहिए। दिनभर फलाहार करें और भगवान शिव का ध्यान करें। शाम को शिवलिंग के समक्ष पूजा करके आरती करें और फिर व्रत खोलें।
सोमवार का दिन भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का दिन है। भगवान शिव सदा भक्तों के कल्याणकारी देवता हैं। उनके आशीर्वाद से भक्तों का जीवन सुखमय और मंगलमय बनता है।“हर हर महादेव!” कहकर भगवान शिव की आराधना करें और उनके पावन चरणों में अपनी मनोकामनाएँ अर्पित करें।
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