शारदा माता मंदिर (Sharda Mata Mandir), मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर में स्थित, एक प्राचीन और पवित्र तीर्थस्थल है। यह मंदिर माँ शारदा (सरस्वती) को समर्पित है और 600 फीट ऊंचे त्रिचुट पर्वत पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 1,063 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी होती है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पौराणिक इतिहास और भक्ति के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक भी है।
शारदा माता मंदिर का संबंध माँ सती और भगवान शिव की पौराणिक कथा से जुड़ा है। कथा के अनुसार, जब राजा दक्ष के यज्ञ में माँ सती ने आत्मदाह किया, तो भगवान शिव ने उनका पार्थिव शरीर लेकर तांडव किया। इस दौरान, सती का शरीर जहां-जहां गिरा, वहां शक्तिपीठों का निर्माण हुआ। ऐसा माना जाता है कि मैहर में माँ सती का हार गिरा था, जिसके कारण इसे शक्तिपीठ का दर्जा प्राप्त हुआ।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है। कहा जाता है कि यह स्थल महाभारत काल से जुड़ा है। पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां निवास किया था और माँ शारदा की पूजा की थी। मंदिर में स्थित प्राचीन मूर्तियों और शिलालेखों से इसकी प्राचीनता का प्रमाण मिलता है।
शारदा माता मंदिर की कहानी आल्ह-ऊदल, बुंदेलखंड के महान योद्धाओं से भी जुड़ी हुई है। आल्ह और ऊदल ने 12वीं सदी में अपनी वीरता के बल पर इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। कहा जाता है कि दोनों भाई माँ शारदा के परम भक्त थे।
लोककथाओं के अनुसार, आल्ह और ऊदल ने मंदिर का निर्माण करवाया था। उनकी भक्ति इतनी प्रबल थी कि माँ शारदा ने उन्हें अमरता का आशीर्वाद दिया। कहा जाता है कि आज भी आल्ह हर सुबह सबसे पहले माता के दर्शन करते हैं।मंदिर के नीचे स्थित आल्ह और ऊदल का अखाड़ा इस कथा को जीवंत करता है। यह अखाड़ा आज भी उस वीरता और भक्ति की गवाही देता है, जो इन महान योद्धाओं में थी। भक्त मानते हैं कि त्रिकूट पर्वत के जंगलों में आल्ह आज भी माँ शारदा के जयकारे लगाते हैं।
नवरात्रि के दौरान शारदा माता मंदिर का विशेष महत्व है। इन नौ दिनों में लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर को फूलों और दीपों से सजाया जाता है। भक्त माता के दर्शन के लिए घंटों लाइन में खड़े रहते हैं। माता के भजन और कीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
मैहर में माँ शारदा के दर्शन के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा है। नवरात्रि और माघ पूर्णिमा के दौरान विशेष उत्सव मनाए जाते हैं।
शारदा माता मंदिर श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से भी समृद्ध है। माँ शारदा के दर्शन से भक्तों को ज्ञान, शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह मंदिर हर भक्त के लिए जीवन में एक बार अवश्य दर्शन करने योग्य स्थान है।
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