सोमवार का दिन: भगवान शिव | Somwaar Ka Din: Bhagwan Shiv

सोमवार का दिन: भगवान शिव | Somwaar Ka Din: Bhagwan Shiv

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से शिव जी के भक्तों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान शिव जगत के संहारक और कल्याणकारी देवता हैं। सोमवार को उनकी उपासना करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और भक्तों को शांति तथा सुख की प्राप्ति होती है।

सोमवार के दिन का महत्व

सोमवार को भगवान शिव का विशेष दिन माना जाता है क्योंकि:

  1. चंद्रमा: चंद्र देवता शिवजी के प्रिय हैं और उनके मस्तक पर विराजमान रहते हैं। सोमवार का संबंध चंद्रमा से है, और भगवान शिव को “चंद्रशेखर” कहा जाता है।
  2. कल्याणकारी दिन: भगवान शिव की उपासना से नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
  3. शिव-परिवार का दिन: इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती और उनके पुत्रों गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है।

भगवान शिव की पूजा विधि (Bhagwan Shiv Ki Pooja Vidhi)

सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान और शुद्धि
    प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।
  2. शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें
    शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भस्म और अक्षत अर्पित करें।
  3. धूप और दीप जलाएँ
    भगवान शिव को धूप-दीप दिखाकर उनकी आराधना करें।
  4. शिव मंत्रों का जाप करें
    इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ होता है।

शिव चालीसा और आरती
भगवान शिव की चालीसा पढ़ें और अंत में आरती गाकर पूजा पूर्ण करें।

भगवान शिव के मंत्र (Bhagwan Shiv Ke Mantra)

  1. महा मृत्युंजय मंत्र
    “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
    • इस मंत्र का जाप करने से मृत्यु भय दूर होता है और लंबी आयु प्राप्त होती है।
  2. पंचाक्षर मंत्र
    “ॐ नमः शिवाय॥”
    • यह सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्र है। इसका जप करने से भगवान शिव की कृपा शीघ्र मिलती है।
  3. शिव गायत्री मंत्र
    “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
    तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”

भगवान शिव की आरती

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।

हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखत त्रिभुवन जन मोहे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।

सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूलधारी।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।

भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।

शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥

ओम जय शिव ओंकारा॥ स्वामी ओम जय शिव ओंकारा॥

आरती के समय दीपक जलाकर भगवान शिव के समक्ष भक्तिभाव से आरती गाएँ और उन्हें श्रद्धा से प्रणाम करें।

सोमवार का व्रत (Somwar Ka Vrat)

सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत करने का विशेष महत्व है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को प्रातः स्नान करके संकल्प लेना चाहिए। दिनभर फलाहार करें और भगवान शिव का ध्यान करें। शाम को शिवलिंग के समक्ष पूजा करके आरती करें और फिर व्रत खोलें।

सोमवार के दिन की विशेष मान्यताएँ

  1. अविवाहित कन्याएँ योग्य वर प्राप्ति के लिए सोमवार का व्रत रखती हैं।
  2. दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बनाए रखने के लिए शिव जी की पूजा की जाती है।
  3. भगवान शिव के आशीर्वाद से सभी तरह के रोग और दुख दूर होते हैं।

शिव भक्तों के लिए संदेश

सोमवार का दिन भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का दिन है। भगवान शिव सदा भक्तों के कल्याणकारी देवता हैं। उनके आशीर्वाद से भक्तों का जीवन सुखमय और मंगलमय बनता है।“हर हर महादेव!” कहकर भगवान शिव की आराधना करें और उनके पावन चरणों में अपनी मनोकामनाएँ अर्पित करें।

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