बुधवार व्रत कथा | Wednesday Vrat Katha

बुधवार व्रत कथा | Wednesday Vrat Katha

बुधवार व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से ज्ञान, बुद्धि, व्यापार और परिवार में सुख-शांति के लिए किया जाता है। जो भक्त इस व्रत को विधिपूर्वक करते हैं और भगवान गणेश की कथा सुनते हैं, उन्हें श्री गणेश की कृपा से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

बुधवार व्रत कथा (Budhwar Vrat Katha)

प्राचीन समय की बात है, एक गाँव में एक व्यापारी रहता था। वह श्री गणेश का परम भक्त था और हर बुधवार उनका व्रत करता था। व्यापारी का व्यापार दूर-दूर तक फैला हुआ था, और वह धन-धान्य से परिपूर्ण था। परंतु उसके मन में एक दोष था—वह किसी भी बुधवार को यात्रा नहीं करता था।

एक दिन, व्यापारी का साला उसके पास आया और उससे अपनी बहन को विदा करने का आग्रह किया। व्यापारी ने बुधवार का दिन होने के कारण विदा देने से इनकार कर दिया और कहा, “मैं बुधवार को यात्रा नहीं करता। यह श्री गणेश का दिन है, और इस दिन यात्रा करना अशुभ माना जाता है।”

लेकिन साले ने अपनी जिद्द पूरी करने के लिए उसे विवश कर दिया। मजबूरी में व्यापारी को अपनी बहन को विदा कराना पड़ा। वह अपनी बहन के साथ बैलगाड़ी में सवार होकर रवाना हुआ।

रास्ते में, अचानक बैलगाड़ी का पहिया टूट गया। व्यापारी और उसकी बहन दोनों घायल हो गए। तभी एक अजीब घटना घटी। व्यापारी को सामने से एक पुरुष आता हुआ दिखाई दिया, जो हूबहू उसकी तरह लग रहा था। वह पुरुष गाड़ीवान से कह रहा था, “मुझे व्यापारी का सामान दो, मैं इसे गाँव वापस ले जाऊँगा।”

यह सब देखकर व्यापारी को समझ में आ गया कि यह भगवान गणेश हैं, जो उसे उसकी गलती का एहसास कराने आए हैं। उसने तुरंत गाड़ी से उतरकर भगवान गणेश की प्रार्थना की और अपनी गलती के लिए क्षमा मांगी। गणेश जी ने उसे क्षमा किया और आशीर्वाद देकर कहा, “बुधवार के दिन यात्रा करना अशुभ होता है। इस दिन केवल पूजा और भजन करना चाहिए।”

व्यापारी ने वापस घर लौटकर श्री गणेश का व्रत विधिपूर्वक किया और वचन दिया कि वह आगे से बुधवार के नियमों का पालन करेगा।

बुधवार व्रत का महत्व (Budhwar Vrat Ka Mahatav)

बुधवार व्रत करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से व्यापारियों और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह व्रत करने से व्यापार में वृद्धि होती है, ज्ञान और बुद्धि में विकास होता है, तथा परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

बुधवार व्रत की विधि (Budhwar Vrat Ki Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान गणेश का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  2. पूजन सामग्री: पूजा के लिए मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक, ताजे फूल, दूर्वा घास, मोदक, गुड़ और चने का भोग तैयार करें।
  3. गणेश पूजन: गणेश जी को जल और दूर्वा चढ़ाएं। मोदक और गुड़-चने का भोग लगाएं।
  4. मंत्र जाप: “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
  5. व्रत कथा का श्रवण: बुधवार व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
  6. आरती: श्री गणेश की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
  7. उपवास: इस दिन फलाहार करें या एक बार सात्विक भोजन करें।

बुधवार व्रत का फल (Budhwar Vrat Ka Fal)

जो भक्त श्रद्धा और नियम से बुधवार व्रत करते हैं, उन्हें भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। व्यापार में वृद्धि, पारिवारिक सुख, और जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।

बुधवार व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का सरल और शुभ मार्ग है। यह व्रत जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाने के साथ-साथ हमारी भक्ति को भी सुदृढ़ करता है।

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