भगवान शिव (Bhagwan Shiv), जो कि त्रिदेवों में से एक हैं, भक्तों की सच्ची भक्ति और प्रेम से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उनके आशीर्वाद से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है। यहां भगवान शिव को प्रसन्न करने के 5 सरल तरीकों का वर्णन किया गया है।
शिवलिंग का अभिषेक भगवान शिव की पूजा का सबसे प्रमुख और प्रभावशाली तरीका है। अभिषेक में शुद्ध जल, दूध, शहद, दही और बेलपत्र का उपयोग किया जाता है। यह विधि सोमवार के दिन विशेष रूप से की जाती है। अभिषेक से न केवल शिवलिंग की पवित्रता बनी रहती है, बल्कि भक्तों के दुख और कष्ट भी समाप्त होते हैं। नियमित रूप से शिवलिंग का अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक अत्यंत प्रभावी और दिव्य मंत्र है। इसे नियमित रूप से जपने से मृत्यु ka भय समाप्त होता है और जीवन में मानसिक शांति प्राप्त होती है। इस मंत्र का जाप विशेष रूप से ध्यान और साधना के समय किया जाता है। मंत्र इस प्रकार है:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
इस मंत्र के नियमित जाप से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों के जीवन में सुख-शांति का संचार होता है।
भगवान शिव की आरती उनके भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। “शिव तांडव स्तोत्र” और “जय शिव ओंकारा” जैसे प्रसिद्ध आरतियों का पाठ करने से भक्त भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। प्रतिदिन या विशेष रूप से सोमवार के दिन शिव आरती का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। आरती का गायन सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है और भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन व्रत रखना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास रखकर भगवान शिव की पूजा की जाती है। व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है और ध्यान के माध्यम से भगवान शिव की आराधना की जाती है। यह विधि भक्तों को न केवल शिव की कृपा दिलाती है, बल्कि उनके मन और आत्मा को भी शुद्ध करती है।
भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, और कनेर के सफेद फूल अत्यधिक प्रिय हैं। शिवलिंग पर इनका अर्पण करना भक्तों के प्रति भगवान शिव की प्रसन्नता को दर्शाता है। विशेष रूप से सोमवार के दिन बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है। फूल और बेलपत्र भगवान शिव के प्रति भक्त की सच्ची भक्ति का प्रतीक माने जाते हैं।
भगवान शिव को प्रसन्न करना सरल और सुलभ है। सच्चे मन, भक्ति, और प्रेम से भगवान शिव की पूजा की जाए तो उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। उपरोक्त तरीकों से भक्त अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप भारत के प्रमुख ज्योतिर्लिंगो जैसे महाकालेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर आदि एवं शक्तिपीठों या श्री राम जन्मभूमि और मां वैष्णो देवी आदि के दर्शन करना चाहते हैं तो आप अपने नजदीकी दुर्लभ दर्शन केंद्र पर जाकर दर्शन कर सकते हैं | केंद्र की जानकारी प्राप्त करने के लिए अभी क्लिक करें।
और यदि आप किसी कारणवश मंदिर नही भी जा पाते है,या वहां जाकर भी दर्शन नही कर पाते है तो आप घर बैठे दुर्लभ दर्शन किट द्वारा 3d vr टेक्नोलॉजी की मदद से दर्शन कर सकते हैं | दुर्लभ दर्शन एप्लीकेशन में आप ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ शक्तिपीठों, प्रमुख हनुमान मंदिरों तथा प्रमुख नदियों की आरती के भी साक्षी बन सकते हैं | साथ ही आप प्रतिदिन होने वाले श्री महाकालेश्वर भगवान के श्रृंगार के लाइव दर्शन भी कर सकते हैं |आज ही दुर्लभ दर्शन किट ऑर्डर करें दुर्लभ दर्शन किट।
Read More : Related Articles