Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti | श्री खाटू श्याम जी की आरती

Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti | श्री खाटू श्याम जी की आरती

श्री खाटू श्याम जी की आरती करने से जीवन के सारे संकट दूर होते हैं और भक्त को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। यह आरती भगवान श्याम की कृपा को आकर्षित करती है, भक्त के मन को शांति और जीवन में सकारात्मकता प्रदान करती है। आरती के माध्यम से श्याम जी के चरणों में भक्ति व्यक्त करने से भक्त का आत्मबल बढ़ता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

खाटू श्याम जी की आरती | Khatu Shyam Ji Ki Aarti

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे । खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे । सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे । भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे । सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे । कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे । निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

||श्री श्याम स्तुति || (Shri Shyam Stuti : Hath Jod Vinti Karu)

हाथ जोड़ विनती करूं सुणियों चित्त लगाय,

दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,

धन्य ढूंढारो देश हैं खाटू नगर सुजान,

अनुपम छवि श्री श्याम की, दर्शन से कल्याण ।

श्याम श्याम तो मैं रटूं श्याम है जीवन प्राण,

श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम,

खाटू नगर के बीच में बण्यों आपको धाम,

फाल्गुन शुक्ला मेला भरे जय जय बाबा श्याम ।

फाल्गुन शुक्ला द्वादशी उत्सव भारी होए,

बाबा के दरबार से खाली जाये न कोय,

उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम,

लज्जा सब की रखियो खाटू के बाबा श्याम ।

पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर,

सब भक्तों की विनती दर्शन देवो हुजूर,

आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान,

श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान ।

जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम

खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम

लीलो घोड़ो लाल लगाम

जिस पर बैठ्यो बाबो श्याम

॥ ॐ श्री श्याम देवाय नमः ॥

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