माँ दुर्गा शक्ति, भक्ति और सिद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। दुर्गा सप्तशती में उनकी महिमा का विस्तार से वर्णन मिलता है। यह ग्रंथ देवी महात्म्य के रूप में जाना जाता है और इसमें माँ की विभिन्न लीलाओं, रूपों और शक्तियों का वर्णन किया गया है। माँ दुर्गा के 108 नाम उनके विविध स्वरूपों, शक्तियों और कृपा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन नामों का जाप करने से साधक को आध्यात्मिक एवं भौतिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।
माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप करने के लाभ | Maa Durga ke 108 Naamo Ka Jaap Karne Ke Labh
माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप करने से व्यक्ति को कई आध्यात्मिक एवं सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं।
- संकटों का नाश – माता के नामों का जाप करने से जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं।
- नकारात्मक शक्तियों से रक्षा – दुर्गा सप्तशती में कहा गया है कि माँ के नाम लेने मात्र से भूत-प्रेत, बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जाएँ दूर हो जाती हैं।
- शत्रु नाश – जो व्यक्ति नियमित रूप से माँ के 108 नामों का जाप करता है, उसके शत्रु स्वयं नष्ट हो जाते हैं।
- स्वास्थ्य लाभ – माँ दुर्गा की कृपा से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है।
- धन, समृद्धि और ऐश्वर्य – माता की कृपा से जीवन में धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
- रोगों से मुक्ति – माँ दुर्गा को आदिशक्ति माना जाता है, इसलिए उनकी आराधना करने से जटिल रोगों से मुक्ति मिलती है।
- संतान सुख – जिन दंपतियों को संतान सुख नहीं प्राप्त हो रहा हो, उन्हें माँ दुर्गा के इन नामों का जाप करना चाहिए।
- कार्य सिद्धि – माँ के 108 नामों का जाप करने से कोई भी अधूरा कार्य पूर्ण हो जाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – इन नामों का जाप करने से साधक को आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
- ग्रह बाधाओं से मुक्ति – माँ दुर्गा की आराधना करने से शनि, राहु, केतु और अन्य ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है।
माँ दुर्गा के 108 पावन नाम | Maa Durga Ke 108 Naam
यहाँ माता के 108 नाम और उनके संक्षिप्त अर्थ दिए जा रहे हैं। इनका जाप करने से जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और शत्रु नाश के मार्ग खुलते हैं।
- सती – त्यागमयी देवी
- साध्वी – सच्ची साधना करने वाली
- भवप्रीता – भक्तों को प्रिय
- भवानी – संसार की माता
- भवमोचनी – मोक्ष प्रदान करने वाली
- आर्या – श्रेष्ठतम देवी
- दुर्गा – संकटों को दूर करने वाली
- जया – विजयी देवी
- अद्या – आदिशक्ति
- त्रिनेत्रा – तीन नेत्रों वाली
- शूलधारिणी – त्रिशूल धारण करने वाली
- पिनाकधारिणी – भगवान शिव के धनुष को धारण करने वाली
- चित्रा – अद्भुत रूप वाली
- चंद्रघंटा – चंद्रमा के आकार की घंटा धारण करने वाली
- महातपा – महान तपस्या करने वाली
- मनः – आत्मज्ञान की अधिष्ठात्री
- बुद्धि – ज्ञान की देवी
- अहंकारा – आत्मशक्ति की स्वामिनी
- चैतन्या – चेतना से युक्त
- सत्या – सत्य स्वरूपा
- भवप्रिया – संसार के लोगों को प्रिय
- भवानी – जगत जननी
- भवमोचनी – संसार से मुक्ति देने वाली
- आयुधधारिणी – शस्त्र धारण करने वाली
- त्रयमूर्ति – ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्ति
- त्रिदेवी – महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती स्वरूपा
- त्रैलोक्यपूजिता – तीनों लोकों में पूजित
- महालक्ष्मी – धन और समृद्धि की देवी
- महासरस्वती – ज्ञान और विद्या की देवी
- महाकाली – काल की अधिष्ठात्री
- महालया – महान नाश करने वाली
- कुलस्वामिनी – कुल की रक्षा करने वाली
- चण्डिका – राक्षसों का नाश करने वाली
- विजया – विजय प्रदान करने वाली
- सर्वविद्या – सभी ज्ञानों की स्वामिनी
- सर्वशक्ति – सभी शक्तियों की देवी
- सर्वेश्वरी – संपूर्ण ब्रह्मांड की देवी
- सर्वमंगला – सभी शुभ कार्यों की देवी
- दुर्गेश्वरी – संकट नाशिनी
- अम्बिका – माता स्वरूपा
- अनंतदेवी – अनंत शक्तियों की स्वामिनी
- भक्तवत्सला – भक्तों को प्रेम करने वाली
- भयहरिणी – भय का नाश करने वाली
- शत्रुनाशिनी – शत्रुओं को नष्ट करने वाली
- कामाक्षी – इच्छाओं की पूर्ति करने वाली
- कामदा – मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली
- कपालिनी – कपाल धारण करने वाली
- महादेवी – महान शक्ति
- महालक्ष्मी – धन की देवी
- धात्री – पालन करने वाली
- त्रिपुरा – तीनों लोकों की देवी
- भैरवी – भयंकर स्वरूपा
- बाला – शाश्वत युवा स्वरूपा
- ललिता – सौम्य और सुंदर
- भुवनेश्वरी – संपूर्ण सृष्टि की देवी
- तारा – तारक रूपा
- सतीश्वरी – सतीत्व की देवी
- नित्या – नित्य रूपा
- भाग्यलक्ष्मी – सौभाग्य देने वाली
- अन्नपूर्णा – भोजन और अन्न की देवी
- कालरात्रि – रात्रि के अंधकार को हरने वाली
- महाशक्ति – परम शक्ति की स्वामिनी
- महादुर्गा – महान संकट नाशिनी
- मातंगी – तंत्र विद्या की देवी
- भुवनेश्वरी – सम्पूर्ण ब्रह्मांड की स्वामिनी
- भूतनाथी – भूतों और प्रेतों की स्वामिनी
- भगवती – ईश्वर स्वरूपा
- कुमारिका – कन्या रूपा
- वज्रदंष्ट्रा – वज्र जैसे दांत वाली
- वज्रपाणि – वज्र धारण करने वाली
- तारिणी – तारक शक्ति
- वरदा – वरदान देने वाली
- नारायणी – विष्णु स्वरूपा
- नारसिंही – नरसिंह अवतार की शक्ति
- कृष्णा – श्रीकृष्ण की शक्ति
- राधिका – राधा स्वरूपा
- गौरी – उज्जवल आभा वाली
- चंडिकेश्वरी – चंडी रूप
- त्रिशूलधारिणी – त्रिशूल धारण करने वाली
- अष्टभुजा – आठ भुजाओं वाली
- महेश्वरी – भगवान शिव की शक्ति
- सिंहवाहिनी – सिंह पर सवार
- महालया – महान शक्तियों से युक्त
- देवीश्री – देवी की संपत्ति रूपा
- महागौरी – अत्यंत गौर वर्ण वाली
- कात्यायनी – महर्षि कात्यायन की पुत्री
- सिद्धिदात्री – सिद्धियाँ देने वाली
- अनघा – पापरहित
- अदिति – ब्रह्मांड की माता
- कर्मेश्वरी – समस्त कर्मों की देवी
- दिव्यप्रभा – दिव्य आभा वाली
- योगेश्वरी – योग की देवी
- आनंदमयी – आनंद प्रदान करने वाली
- भुवनेश्वरी – संपूर्ण विश्व की देवी
- कालिका – काल को भी नियंत्रित करने वाली
- मृत्युञ्जया – मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाली
- सर्वज्ञा – सर्वज्ञ
- शिवदूती – शिव की दूत
- सर्वेश्वरी – सभी की स्वामिनी
- भद्रकाली – कल्याणकारी काली
- त्रिपुरा भैरवी – तीनों लोकों की देवी
- नवदुर्गा – नौ स्वरूपों वाली
- त्रिनेत्रा – तीन नेत्रों वाली
- अन्नपूर्णा – भोजन की देवी
- महामाया – माया रूपा
- जगन्माता – सम्पूर्ण विश्व की माता
- भुवनेश्वरी – विश्व की स्वामिनी
- महादेवी – परम शक्ति की अधिष्ठात्री
जप विधि | Jaap Vidhi
- शुद्धता बनाए रखें – स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माँ दुर्गा के चित्र या मूर्ति के समक्ष बैठें – एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें।
- घी का दीपक जलाएँ – माँ को लाल पुष्प, चंदन और अक्षत अर्पित करें।
- माला से जाप करें – रुद्राक्ष या चंदन की माला लेकर 108 नामों का जाप करें।
- भक्ति भाव से जप करें – पूरी श्रद्धा के साथ माँ के नामों का उच्चारण करें।
- नियमित रूप से जाप करें – इसे नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या या किसी भी शुभ दिन शुरू कर सकते हैं।
निष्कर्ष | Conclusion
माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप न केवल साधक को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है, बल्कि सांसारिक बाधाओं से मुक्ति दिलाकर जीवन को समृद्ध और सुखद बनाता है। यह जाप माँ की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी साधन है।
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“जय माता दी!”
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