Shiv Panchakshar Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र | Nagendra Haraya Trilochanaya | Quick Read!

Shiv Panchakshar Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र | Nagendra Haraya Trilochanaya | Quick Read!

Introduction | परिचय

भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों के लिए “शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Shiv Panchakshar Stotra)” एक अत्यंत प्रभावशाली और पावन स्तुति है। इस स्तोत्र की रचना आदि शंकराचार्य ने की थी, जो स्वयं महान अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे। यह स्तोत्र भगवान शिव के ‘नमः शिवाय’ मंत्र के प्रत्येक अक्षर — ‘न’, ‘म’, ‘शि’, ‘वा’, ‘य’ — को समर्पित है। इसलिए इसे “पंचाक्षर स्तोत्र” कहा जाता है।


Meaning of the Shiva Panchakshar Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र का भावार्थ (Shiv Panchakshar Stotra Ka Bhavarth)

इस स्तोत्र में हर श्लोक पंचाक्षर मंत्र के एक-एक अक्षर से प्रारंभ होता है और उस अक्षर से भगवान शिव के गुणों की स्तुति की जाती है। यह स्तुति हमें शिव के विविध रूपों, उनके सौंदर्य, उनके करुणामय स्वरूप और उनके संहारक तथा कल्याणकारी स्वरूप का बोध कराती है।

उदाहरण के लिए, पहले श्लोक में ‘न’ अक्षर द्वारा शिव की वंदना की जाती है जो सर्पों की माला धारण करते हैं, त्रिपुरों का संहार करने वाले हैं, और कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। इसी प्रकार अन्य श्लोकों में भी शिव की उपासना की जाती है जो समस्त लोकों के स्वामी, ब्रह्मा-विष्णु आदि के आराध्य, और करुणामूर्ति हैं।


Importance of Shiva Panchakshara Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र का महत्व (Shiv Panchakshar Stotra Ka Mahatva)

पंचाक्षर स्तोत्र का जाप करने से भक्त के जीवन में शांति, बल, और आत्मिक जागृति आती है। यह स्तोत्र शिवभक्त को पापों से मुक्त करता है और मोक्ष की दिशा में अग्रसर करता है। इसे नित्य प्रातः या संध्या के समय, विशेषकर सोमवार या शिवरात्रि के दिन पढ़ना अत्यंत शुभ माना गया है।

  • यह स्तोत्र नियमित रूप से जपने से मन में शांति, जीवन में स्थिरता और ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना उत्पन्न होती है।
  • यह एक बीज मंत्रात्मक स्तोत्र है जो साधक को मोक्ष के पथ पर अग्रसर करता है।
  • विशेष रूप से सोमवार, प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि जैसे दिनों में इसका पाठ करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है।
  • इस स्तोत्र का प्रतिदिन जाप करने से कठिनाइयाँ दूर होती हैं, मानसिक संतुलन बना रहता है, और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Benefits of Shiv/ Panchakshara Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र पाठ के लाभ (Shiv Panchakshar Stotra Path ke Labh)

  • 🕉 आध्यात्मिक उन्नति: यह स्तोत्र आत्मा को शुद्ध करता है और ध्यान में गहराई लाता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: नियमित पाठ से नकारात्मकता का नाश होता है और वातावरण पवित्र होता है।
  • कष्टों से रक्षा: मानसिक तनाव, भय, और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
  • मनोबल और आत्मबल में वृद्धि: शिव की कृपा से आत्मविश्वास और निर्णय शक्ति मजबूत होती है।
  • पापों से मुक्ति: पुराने पाप कर्मों का क्षय होता है और मोक्ष की ओर मार्ग प्रशस्त होता है।
  • शिव कृपा की प्राप्ति: भगवान शिव के प्रति समर्पण भाव बढ़ता है और जीवन में स्थिरता आती है।

Procedure for Reciting Shiv Panchakshara Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र पाठ विधि (Shiv Panchakshar Stotra Path Vidhi)

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • शिवलिंग के समक्ष बैठकर दीप जलाएं।
  • पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का स्मरण करें।
  • फिर शांत चित्त से शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।

शिव पंचाक्षर स्तोत | Shiva Panchakshara Stotra

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।  
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै न काराय नमः शिवाय॥  

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय। 
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै म काराय नमः शिवाय॥  

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।  
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शि काराय नमः शिवाय॥  

वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।  
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै व काराय नमः शिवाय॥  

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।  
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै य काराय नमः शिवाय॥  

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥


Conclusion | निष्कर्ष

“शिव पंचाक्षर स्तोत्र” एक सरल, परंतु अत्यंत प्रभावशाली स्तुति है। यह न केवल शिव की भक्ति को पुष्ट करता है, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने का मार्ग भी है। शिवजी की महिमा का गान करने वाला यह स्तोत्र भक्त को शिव के चरणों की ओर ले जाता है। यदि आप शिवभक्ति की गहराई में उतरना चाहते हैं, तो इस स्तोत्र को अपने जीवन का हिस्सा अवश्य बनाएं।


हर हर महादेव!