रविवार का दिन और सूर्य देव की महिमा | Ravivar Ka Din Aur Surya Dev Ki Mahima

रविवार का दिन और सूर्य देव की महिमा | Ravivar Ka Din Aur Surya Dev Ki Mahima

रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। सूर्य देव को ऊर्जा, प्रकाश, और जीवन का स्रोत माना जाता है। वे नवग्रहों में प्रमुख स्थान रखते हैं और संसार के समस्त प्राणियों को अपने तेज से जीवन प्रदान करते हैं। सूर्य देव का पूजन व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि, और आत्मबल प्रदान करता है।

सूर्य देव की महिमा (Surya Dev Ki Mahima)

सूर्य देव को वेदों में आदित्य और सविता भी कहा गया है। वे समस्त ब्रह्मांड के नियंत्रक हैं और समय का प्रतीक माने जाते हैं। सूर्य देव का तेज उनकी साधना और तप का परिणाम है। वे धर्म, सत्य, और ऊर्जा के प्रतीक हैं।

सूर्य उपासना से व्यक्ति को आत्मबल, स्वास्थ्य, और सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही, सूर्य देव की कृपा से ग्रहों की शांति और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

रविवार को क्या करें और क्या न करें (Ravivar ko Kya Karen or Kya na Karen)

क्या करें:

  1. प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. सूर्य को अर्घ्य दें (तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली, अक्षत, और लाल फूल डालें)।
  3. सूर्य मंत्र का जाप करें।
  4. तेल, नमक, और मांसाहार के सेवन से परहेज करें।
  5. झूठ न बोलें और किसी का अपमान न करें।
  6. सूर्य देव को गुड़, गेहूं, और लाल वस्त्र अर्पित करें।
  7. ब्राह्मणों को दान करें, विशेष रूप से लाल रंग की वस्तुएं।

क्या करें:

  1. रविवार के दिन बाल और नाखून काटने से बचें।
  2. क्रोध, आलस्य, और अपशब्दों से बचें।

रविवार को सूर्य देव की पूजा विधि (Ravivar Ko Surya Dev Ki Pooja Vidhi)

  1. प्रातःकाल स्नान कर सूर्य देव का ध्यान करें।
  2. घर की पूर्व दिशा में सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  3. तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली, अक्षत, और गुड़ डालें।
  4. सूर्य को अर्घ्य दें और “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करें।
  5. सूर्य चालीसा और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।
  6. अंत में सूर्य देव की आरती करें।

सूर्य देव के मंत्र (Surya Dev Ke Mantra)

  1. बीज मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। 
  2. सूर्य गायत्री मंत्र: ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि।  तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्॥ 
  3. आदित्य हृदय स्तोत्र: भगवान श्री राम द्वारा लंका विजय से पूर्व रावण से युद्ध के समय यह स्तोत्र भगवान सूर्य की स्तुति हेतु कहा गया था। इसका पाठ विशेष लाभकारी है।

सूर्य देव की आरती (Surya Dev Ki Aarti)

जय जय रघुनंदन आदित्य देवा।  

किरणमंडल प्रकट त्रिलोका भूप देवा॥  

जय जय रघुनंदन आदित्य देवा…  

सप्त अश्व रथ वाहक किरण रथी।  

दिवाकर तम हर दानव शत्रु त्राता॥  

जय जय रघुनंदन आदित्य देवा…  

सूरज भगवान दीप्ति तेज अगाध।  

त्राहिमाम आदित्य रोग भय हरता॥  

जय जय रघुनंदन आदित्य देवा…  

ध्यान धरें जो मन से भक्त जन सच्चे।  

सूर्य भक्ति दे सुख सदा सुखदाता॥  

जय जय रघुनंदन आदित्य देवा…

रविवार के दिन सूर्य देव की उपासना का महत्व (Ravivar Ke Din Surya Dev Ki Upasana Ka Mahatav)

सूर्य देव की आराधना से जीवन में उत्साह, स्वास्थ्य, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वे व्यक्ति को दृढ़ता, आत्मबल, और सफलता प्रदान करते हैं। उनके पूजन से ग्रह दोषों की शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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