सकट चौथ का पर्व हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है। इसे संकट चौथ या तिलकुट चौथ भी कहा जाता है। भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत महत्वपूर्ण माना गया है।
सकट चौथ व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।
तिथि: 17 जनवरी 2025
चंद्रोदय का समय: रात्रि लगभग 09:06 बजे अनुमानित हैं | (स्थान के अनुसार समय में भिन्नता हो सकती है)।
यह व्रत जीवन की हर बाधा को दूर करने और परिवार की उन्नति के लिए रखा जाता है। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और स्वास्थ्य के लिए माताएं यह व्रत बड़ी श्रद्धा और भक्ति से करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
किवदंतियों के अनुसार, एक समय राजा हरिश्चंद्र ने यह व्रत रखा था। उनके राज्य में जब कोई बड़ा संकट आया, तो उनकी पत्नी ने सकट चौथ का व्रत किया और गणेश जी की उपासना की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर गणेश जी ने उनकी समस्या का समाधान किया।
एक अन्य कथा के अनुसार, एक ब्राह्मण के बच्चे को यमराज ले जाने आए, तो उसकी मां ने सकट चौथ का व्रत कर भगवान गणेश की पूजा की। गणेश जी ने उसके पुत्र को जीवनदान दिया और परिवार को संकट से मुक्त किया।
सकट चौथ का व्रत जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने वाला और संकटों को दूर करने वाला है। यह व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि परिवार की उन्नति और समृद्धि का प्रतीक भी है। इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की पूजा करने और उनकी कथा सुनने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
आप भी इस सकट चौथ पर व्रत रखें और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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