श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई | Shree Siddhivinayak Mandir, Mumbai

श्री सिद्धिविनायक मंदिर


मुंबई की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में भी जहाँ आस्था की एक स्थिर और शांति देने वाली जगह की तलाश हो, तो वो है – श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर। यह मंदिर न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत के सबसे प्रसिद्ध और श्रद्धेय गणेश मंदिरों में से एक है। यहाँ पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु, राजनेता, फिल्मी सितारे और आमजन, भगवान गणेश की एक झलक पाने और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं।

स्थान और पहुंच | Location and Accessibility

श्री सिद्धिविनायक मंदिर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के प्रभादेवी क्षेत्र में स्थित है। यह मुंबई लोकल के दादर स्टेशन से लगभग 2 किमी की दूरी पर है। टैक्सी, बस और लोकल ट्रेन के माध्यम से यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।

मंदिर का इतिहास | History of the Temple

श्री सिद्धिविनायक मंदिर की स्थापना 19 नवंबर 1801 को की गई थी। इस मंदिर का निर्माण लक्ष्मण विठु और देउबाई पाटिल नामक भक्तों द्वारा करवाया गया। देउबाई पाटिल संतानहीन थीं, और उन्होंने यह मंदिर सभी संतानहीन स्त्रियों की मनोकामना पूर्ति के उद्देश्य से बनवाया था।

प्रारंभ में यह एक छोटा-सा मंदिर था, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और संख्या बढ़ती गई, और आज यह एक भव्य और सुव्यवस्थित मंदिर बन चुका है।

भगवान सिद्धिविनायक की प्रतिमा | Deity and Idol Description

मंदिर में स्थित गणेश जी की प्रतिमा काले रंग के पत्थर से बनी हुई है, जिसकी ऊँचाई लगभग 2.5 फीट है। इस प्रतिमा की सबसे विशेष बात है कि भगवान गणेश की सूंड दायीं ओर मुड़ी हुई है, जो कि सामान्यतः बायीं ओर होती है। इसे ‘सिद्धी विनायक स्वरूप’ कहा जाता है, जो अत्यंत दुर्लभ और प्रभावशाली माना जाता है

भगवान गणेश के साथ प्रतिमा में रिद्धि और सिद्धि की प्रतिमाएँ भी हैं, जो समृद्धि और सिद्धि का प्रतीक हैं। गणेश जी के ललाट पर त्रिनेत्र भी अंकित है, जो उन्हें अद्वितीय बनाता है।

मंदिर की वास्तुकला | Architecture

वर्तमान मंदिर पांच मंज़िला संरचना में बना है, जिसकी सबसे ऊपर की मंजिल पर सोने से मढ़ा गया गुम्बद है। मंदिर का गर्भगृह सुंदर नक्काशी और आकर्षक संगमरमर से सुसज्जित है। परिसर में गणेश जी के अलावा हनुमान जी, शिवजी, साईं बाबा और देवी दुर्गा के छोटे मंदिर भी हैं।

मंदिर में प्रवेश करने पर भक्तों को एक शांति का अनुभव होता है, और गर्भगृह के दर्शन के लिए श्रद्धालु घंटों तक कतार में खड़े रहते हैं।

विशेष आयोजन और श्रद्धा | Festivals and Celebrations

  • गणेश चतुर्थी: यहाँ सबसे भव्य रूप में मनाया जाता है। इस दिन लाखों भक्त दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
  • अंगारकी चतुर्थी: यह दिन भी विशेष रूप से भीड़भाड़ वाला होता है।
  • मंगलवार: यह दिन गणेश जी का प्रिय दिन माना जाता है, अतः प्रत्येक मंगलवार को यहाँ विशेष भीड़ होती है।

श्रद्धालु अक्सर नारियल, दूर्वा (दूब घास), मोदक और फूल अर्पित करते हैं। यहाँ एक परंपरा है जिसे “नवस” कहते हैं – यानी किसी इच्छा की पूर्ति हेतु गणपति जी से प्रार्थना करना और पूर्ण होने पर दर्शन करने आना।

भक्ति और समाजसेवा | Devotion and Social Impact

सिद्धिविनायक ट्रस्ट समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय है। यह ट्रस्ट अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों, महिलाओं और बच्चों के लिए कार्य करता है। मंदिर द्वारा मिलने वाले दान का एक बड़ा हिस्सा जनकल्याण में लगाया जाता है।

ऑनलाइन दर्शन और सुविधा | Online Darshan and Services

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट https://www.siddhivinayak.org पर

  • ऑनलाइन दर्शन
  • पूजा बुकिंग
  • e-Donation
  • और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

इसके अलावा मोबाइल ऐप के माध्यम से भी भक्त विभिन्न सेवाएं ले सकते हैं।

निष्कर्ष | Conclusion

श्री सिद्धिविनायक मंदिर, केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि विश्वास और कृपा का प्रतीक है। यहाँ आने वाला हर भक्त अपने साथ आशा, श्रद्धा और ऊर्जा लेकर लौटता है। यह मंदिर यह सिखाता है कि जब भी कोई सच्चे मन से “विघ्नहर्ता” को पुकारता है, तो सभी बाधाएँ स्वतः ही दूर हो जाती हैं।

आप भी जब कभी मुंबई जाएँ, तो प्रभादेवी में विराजे श्री सिद्धिविनायक गणपति के चरणों में नतमस्तक होना न भूलें — क्योंकि वहीं से सिद्धि का आरंभ होता है।

Read More : Related Article

Share this article