अपरा एकादशी 2025 | Apara Ekadashi 2025

अपरा एकादशी 2025 | Apara Ekadashi 2025

अपरा एकादशी, जिसे अचला एकादशी भी कहा जाता है, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत पापों का नाश करने और जीवन में पुण्य अर्जित करने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। भक्तगण इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करके मोक्ष प्राप्ति और जीवन की समस्याओं का समाधान प्राप्त करते हैं।

अपरा एकादशी 2025 की तिथि (Apara Ekadashi 2025 Ki Tithi)

  • तिथि आरंभ: 22 मई 2025, गुरुवार को दोपहर 01:55 बजे।
  • तिथि समाप्त: 23 मई 2025, शुक्रवार को दोपहर 03:15 बजे।
  • पारण का समय: 24 मई 2025 को सुबह 05:20 बजे से सुबह 08:00 बजे तक।

अपरा एकादशी का महत्व (Apara Ekadashi Ka Mahatav)

  1. पापों का नाश: यह व्रत व्यक्ति के जीवन में किए गए सभी पाप कर्मों का अंत करता है।
  2. मोक्ष की प्राप्ति: इस व्रत के प्रभाव से भक्त को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
  3. सामाजिक प्रतिष्ठा: इस व्रत को करने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
  4. धन और समृद्धि: यह व्रत आर्थिक समस्याओं को दूर करता है और समृद्धि प्रदान करता है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्त को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

अपरा एकादशी व्रत कथा (Apara Ekadashi Vrat Katha)

प्राचीनकाल में महिष्मती नगरी में एक धर्मात्मा राजा महिध्वज राज्य करते थे। उनका सौतेला भाई वज्रध्वज पापी और अधर्मी था। ईर्ष्या के कारण वज्रध्वज ने अपने भाई की हत्या कर दी और उसके शव को एक पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ दिया।

इस घटना के बाद राजा महिध्वज की आत्मा पीपल के पेड़ में भटकने लगी। एक दिन ऋषि धौम्य वहां से गुजरे और उन्होंने पेड़ में आत्मा की स्थिति देखी। उन्होंने राजा के उद्धार के लिए अपरा एकादशी का व्रत किया। व्रत के प्रभाव से राजा की आत्मा को मुक्ति मिली और वह स्वर्गलोक चली गई।

अपरा एकादशी व्रत विधि (Apara Ekadashi Vrat Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल पवित्र स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीप जलाकर, तुलसी, पुष्प, और नैवेद्य अर्पित करें।
  3. व्रत कथा का पाठ: अपरा एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें।
  4. भजन और मंत्र जप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें।
  5. उपवास रखें: व्रत के दिन अन्न का सेवन न करें और फलाहार करें।
  6. पारण: द्वादशी तिथि को सुबह व्रत का पारण करें।

अपरा एकादशी के लाभ (Apara Ekadashi Ke Labh)

  1. पापों का अंत: व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में किए गए बड़े से बड़े पापों से भी मुक्ति मिलती है।
  2. पुण्य की प्राप्ति: व्रत करने से धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  3. आर्थिक समृद्धि: यह व्रत आर्थिक समस्याओं को दूर करता है।
  4. स्वास्थ्य और शांति: व्रत से मन और शरीर दोनों को शांति मिलती है।
  5. आध्यात्मिक लाभ: भगवान विष्णु की आराधना से आत्मा शुद्ध होती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

अपरा एकादशी व्रत जीवन में पापों से मुक्ति, पुण्य अर्जित करने और मोक्ष प्राप्त करने का सरल और प्रभावी उपाय है। भगवान विष्णु की कृपा से इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि मिलती है। श्रद्धा और भक्ति के साथ इस व्रत का पालन करने से भक्तगण अपने जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं।

जय श्री हरि! 🙏

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