भारत के हृदय में बसी, सरयू नदी के किनारे स्थित अयोध्या, न केवल एक ऐतिहासिक नगर है, बल्कि यह राम भक्तों के लिए एक आस्था का तीर्थ है। यह वही नगरी है जहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था और जहाँ उनका संपूर्ण जीवन आदर्श, मर्यादा और धर्म का प्रतीक बना।
अयोध्या को ‘सप्त पुरी’ (सात मोक्षदायिनी नगरों) में से एक माना गया है। इसका उल्लेख वेदों, रामायण, विष्णु पुराण और अन्य ग्रंथों में मिलता है। त्रेतायुग में इस नगर को भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्मस्थल माना गया, जिसके कारण इसे ‘राम जन्मभूमि’ कहा जाता है।
वाल्मीकि रामायण में अयोध्या को ‘ईश्वर द्वारा रचित दिव्य नगरी’ कहा गया है –
“अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या”
2024 में बनकर तैयार हुआ यह भव्य मंदिर न केवल रामभक्तों का स्वप्न है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का गौरव भी है। संगमरमर और बलुआ पत्थर से बना यह मंदिर वास्तुशिल्प का अद्भुत उदाहरण है। दर्शन के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
समय: प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक
विशेष: आरती, संध्या दीप, और रामलला के दर्शन
यह अयोध्या का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जो बजरंगबली को समर्पित है। मान्यता है कि श्रीराम के अयोध्या लौटने के बाद हनुमान जी यहीं निवास करने लगे थे। यहाँ की 76 सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद भक्तों को बजरंगी के दर्शन मिलते हैं।
यह सुंदर महल श्रीराम और माता सीता को रानी कैकेयी द्वारा भेंट किया गया था। इसमें राम-सीता की स्वर्णाभूषित प्रतिमाएं मन मोह लेती हैं। यहाँ का शांत वातावरण ध्यान और भक्ति के लिए आदर्श है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे श्रीराम के पुत्र कुश द्वारा बनवाया गया बताया जाता है। यह मंदिर ‘पंचकोशी परिक्रमा’ का एक प्रमुख पड़ाव भी है।
सरयू नदी में स्नान करना पवित्र माना जाता है। ‘राम की पैड़ी’ घाटों की श्रृंखला है जहाँ श्रद्धालु सूर्यास्त के समय आरती में भाग लेते हैं। यह दृश्य अत्यंत दिव्य और भावविभोर करने वाला होता है।
अयोध्या में कई प्रकार की परिक्रमा प्रचलित हैं:
अयोध्या यात्रा का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। विशेष पर्वों पर यात्रा करने का विशेष महत्व है:
रेल मार्ग: अयोध्या जंक्शन (AY) देश के प्रमुख रेलवे नेटवर्क से जुड़ा है।
सड़क मार्ग: उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से सीधी बसें उपलब्ध हैं।
हवाई मार्ग: अयोध्या श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब पूरी तरह क्रियाशील है।
अयोध्या केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि एक भाव है। यह वह स्थान है जहाँ श्रद्धा, भक्ति, संस्कृति और इतिहास एक साथ मिलते हैं। राम की नगरी में कदम रखते ही आत्मा में शांति और हृदय में श्रद्धा का संचार होता है।
तो आइए, जीवन में एक बार अवश्य करें – अयोध्या दर्शन!