पापांकुशा एकादशी 2025 | Papankusha Ekadashi 2025

पापांकुशा एकादशी 2025 | Papankusha Ekadashi 2025

पापांकुशा एकादशी, जिसे पुण्य व्रत या शरीर एकादशी भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखती है। यह एकादशी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भक्त अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। पापांकुशा एकादशी का व्रत आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

पापांकुशा एकादशी 2025 की तिथि और समय (Papankusha Ekadashi 2025 Ki Tithi Aur Samay)

  • तिथि आरंभ: 14 सितंबर 2025, रविवार को रात 01:14 बजे।
  • तिथि समाप्त: 15 सितंबर 2025, सोमवार को रात 11:37 बजे।
  • पारण का समय: 16 सितंबर 2025 को प्रातः 06:10 बजे से 08:35 बजे तक।

पापांकुशा एकादशी का महत्व (Papankusha Ekadashi Ka Mahatav)

  1. पापों का नाश: इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है।
  2. मोक्ष की प्राप्ति: भगवान विष्णु की कृपा से भक्त मोक्ष प्राप्त करते हैं।
  3. धर्म और पुण्य का अर्जन: व्रत के माध्यम से धर्म और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।
  5. समाज और परिवार की भलाई: व्रत करने से परिवार में सुख-शांति आती है।

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा (Papankusha Ekadashi Vrat Katha)

प्राचीन काल में देवों और असुरों के बीच एक महान युद्ध हुआ था। इस युद्ध में देवता हारे और वे पृथ्वी पर आने लगे। असुरों ने देवताओं की स्त्री रूपिणी शक्ति को बंदी बना लिया। तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और पपांकुशा एकादशी के दिन देवताओं की स्त्री रूपिणी शक्ति को मुक्त किया।

व्रत के प्रभाव से देवता और असुर दोनों का कल्याण हुआ और पापों का नाश हुआ। इस दिन की विशेषता यह है कि यह व्रत पापों को समाप्त करने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।

पापांकुशा एकादशी व्रत विधि (Papankusha Ekadashi Vrat Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल पवित्र जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं, तुलसी और पुष्प अर्पित करें।
  3. व्रत कथा का श्रवण: पापांकुशा एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें।
  4. मंत्र जप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
  5. उपवास का पालन: इस दिन उपवास रखें और केवल फलाहार करें।
  6. दान का महत्व: ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें।
  7. पारण: द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।

पापांकुशा एकादशी के लाभ (Papankusha Ekadashi Ke Labh)

  1. पापों से मुक्ति: इस व्रत के प्रभाव से सभी पाप समाप्त होते हैं।
  2. धन-धान्य की प्राप्ति: व्रत से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
  3. आध्यात्मिक शुद्धि: भगवान विष्णु की आराधना से आत्मा की शुद्धि होती है।
  4. मोक्ष प्राप्ति: भक्त को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
  5. समाज और परिवार की भलाई: व्रत से परिवार में सुख-शांति आती है।

पापांकुशा एकादशी का संदेश (Papankusha Ekadashi Ka Sandesh)

पापांकुशा एकादशी हमें यह सिखाती है कि जीवन में पापों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है भगवान विष्णु की भक्ति और सच्ची श्रद्धा। इस व्रत से व्यक्ति अपने पापों को समाप्त करके मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। यह व्रत आत्मा की शुद्धि और जीवन की सही दिशा में चलने की प्रेरणा देता है।

जय श्री हरि!

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