Introduction | परिचय (Parichay)
सनातन धर्म (Sanatan Dharma) की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को समझने के लिए पुराणों का विशेष महत्व है। ‘पुराण’ शब्द का अर्थ होता है – “पुरातन” यानी जो अतीत की घटनाओं का वर्णन करें। ये ग्रंथ न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, खगोलिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत समृद्ध हैं।
व्यास मुनि द्वारा रचित पुराणों की संख्या 18 मानी जाती है, जिन्हें ‘महापुराण’ कहते हैं। इनके अतिरिक्त 18 उपपुराण भी होते हैं। यह ब्लॉग मुख्यतः 18 महापुराणों पर आधारित है।
List of Mahapuranas and their Subjects | महापुराणों की सूची और विषयवस्तु (Mahapuran ki Suchi aur Vishayvastu)
Brahma Puran | ब्रह्म पुराण
- ब्रह्मा जी की स्तुति, सृष्टि की उत्पत्ति और तीर्थों का वर्णन करता है।
- धार्मिक विधियों और नियमों की जानकारी मिलती है।
Padma Puran | पद्म पुराण
- भगवान विष्णु के अवतारों, धर्म, तीर्थों और व्रतों का वर्णन है।
- यह पांच खंडों में विभाजित है।
Vishnu Puran | विष्णु पुराण
- सृष्टि, मन्वंतर, सूर्यवंश, चंद्रवंश और श्रीकृष्ण की लीलाएं वर्णित हैं।
- इसे वैष्णव परंपरा का मूल ग्रंथ माना जाता है।
Shiv Puran | शिव पुराण
- भगवान शिव की उत्पत्ति, विवाह, लीलाएं, 12 ज्योतिर्लिंगों और रुद्र अवतारों की कथाएँ शामिल हैं।
- यह शैव धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Bhagwat Puran | भागवत पुराण
- भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं और भक्ति योग की महिमा का वर्णन है।
- कुल 12 स्कंधों में विभाजित है।
Narad Puran | नारद पुराण
- भक्ति, ध्यान, व्रत, कर्म और संस्कारों का उल्लेख करता है।
- इसमें नारद मुनि द्वारा बताए गए धर्मोपदेश शामिल हैं।
Markandeya Puran | मार्कण्डेय पुराण
- दुर्गा सप्तशती (चंडी पाठ) इसी में आता है।
- देवी शक्ति की आराधना का प्रमुख स्रोत है।
Agni Puran | अग्नि पुराण
- आयुर्वेद, वास्तु, नीति, युद्धकला, मूर्तिकला जैसे विषयों की जानकारी देता है।
Bhavishya Puran | भविष्य पुराण
- भविष्य की घटनाएं, राजवंशों और कलियुग के वर्णन के लिए प्रसिद्ध है।
- इसमें भारतवर्ष के भविष्य की भी झलक मिलती है।
Brahma Vaivarta Puran | ब्रह्मवैवर्त पुराण
- भगवान श्रीकृष्ण और राधा की लीलाओं का विस्तार है।
- यह राधा-कृष्ण भक्ति के लिए अत्यंत पूजनीय है।
Ling Puran | लिंग पुराण
- शिवलिंग की उत्पत्ति और उसकी पूजा विधियों का वर्णन करता है।
- यह शिवभक्तों के लिए अत्यंत प्रिय ग्रंथ है।
Varah Puran | वराह पुराण
- भगवान विष्णु के वराह अवतार की कथा है।
- तीर्थों, व्रतों और दान की महिमा का विशेष वर्णन है।
Skanda Puran | स्कन्द पुराण
- सबसे बड़ा पुराण है। इसमें शिव, पार्वती, और कार्तिकेय की कथाएं हैं।
- काशी, द्वारका, बद्रीनाथ, अयोध्या जैसे तीर्थों की महिमा वर्णित है।
Vaman Puran | वामन पुराण
- वामन अवतार की कथा और ब्रह्मा-विष्णु-शिव संबंधी विषयों का विवेचन करता है।
Kurma Puran | कूर्म पुराण
- भगवान विष्णु के कूर्म अवतार के माध्यम से धर्म, योग और तप की चर्चा करता है।
Matsya Puran | मत्स्य पुराण
- मत्स्य अवतार और प्रलय के समय मनु की रक्षा की कथा प्रमुख है।
- इसमें मूर्तिकला और वास्तुशास्त्र की जानकारी भी मिलती है।
Garud Puran | गरुड़ पुराण
- मृत्यु के बाद आत्मा की गति, यमलोक, पाप-पुण्य, नरक और श्राद्ध कर्म की जानकारी देता है।
- यह मृत्युबोध और पुनर्जन्म की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।
Brahmand Puran | ब्रह्माण्ड पुराण
- सृष्टि की रचना, लोकों का विस्तार, कल्प-मन्वंतर और श्रीवैकुण्ठ का वर्णन है।
Importance and Utility | महत्व और उपयोगिता (Mahatva aur Upyogita)
- पुराणों ने वैदिक ज्ञान को सरल भाषा में जनमानस तक पहुँचाया।
- धार्मिक आचरण, नीति, सामाजिक व्यवस्था, खगोल, आयुर्वेद, संगीत, शिल्पकला आदि अनेक विषयों को समाहित किया है।
- यह ग्रंथ केवल धार्मिक नहीं, बल्कि जीवन पद्धति और संस्कृति का प्रतिबिंब भी हैं।
Conclusion | निष्कर्ष (Nishkarsh)
सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के 18 महापुराण न केवल धर्म को समझने का साधन हैं, बल्कि यह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के लिए दिशा देने वाले ग्रंथ हैं। इनका अध्ययन न केवल मोक्ष की ओर ले जाता है, बल्कि यह मनुष्य को अपने कर्तव्यों, कर्तृत्व और चरित्र की श्रेष्ठता भी सिखाता है। ये ग्रंथ भारत की संस्कृति, इतिहास और अध्यात्म का अमूल्य खजाना हैं।
ॐ श्री गुरुभ्यो नमः
हरिः ॐ