योगिनी एकादशी 2025 | Yogini Ekadashi 2025

योगिनी एकादशी 2025 | Yogini Ekadashi 2025

हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का विशेष महत्व है। यह आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनकी कृपा से जुड़े हुए दोषों के निवारण के लिए मनाई जाती है।

  • तिथि आरंभ: 30 जून 2025, सोमवार को दोपहर 03:45 बजे।
  • तिथि समाप्त: 1 जुलाई 2025, मंगलवार को शाम 05:25 बजे।
  • पारण का समय: 2 जुलाई 2025 को सुबह 05:30 बजे से 08:05 बजे तक।

योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi Ka Mahatav)

  1. पापों का नाश: इस व्रत को करने से जीवन में किए गए सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।
  2. रोगों से मुक्ति: यह व्रत स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है।
  3. मोक्ष की प्राप्ति: भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को मोक्ष का मार्ग मिलता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: व्रत के दौरान किए गए जप और ध्यान से आत्मा की शुद्धि होती है।
  5. गृहस्थ जीवन का कल्याण: यह व्रत परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।

योगिनी एकादशी व्रत कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, अलकापुरी में कुबेर नामक राजा भगवान शिव के परम भक्त थे। वे प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा के लिए पुष्प एकत्र करते थे। उनके सेवक हेममाली का कार्य पूजा के लिए फूल लाना था।
एक दिन, हेममाली अपनी पत्नी के प्रेम में इतना खो गया कि वह पुष्प समय पर नहीं ला सका। इससे कुबेर क्रोधित हो गए और उन्होंने हेममाली को श्राप दे दिया कि वह कोढ़ी होकर पृथ्वी पर निवास करेगा।

हेममाली श्राप से ग्रसित होकर जंगल में चला गया। वहां उसने महर्षि मार्कंडेय से भेंट की। महर्षि ने उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। हेममाली ने व्रत किया, और इसके प्रभाव से उसका कोढ़ ठीक हो गया। साथ ही, उसे अपने पापों से मुक्ति और दिव्य स्वरूप की प्राप्ति हुई।

योगिनी एकादशी व्रत विधि (Yogini Ekadashi Vrat Vidhi)

  1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने दीप जलाएं, फल-फूल और तुलसी अर्पित करें।
  3. योगिनी एकादशी कथा: इस दिन व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
  4. मंत्र जप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  5. उपवास का पालन: दिनभर उपवास रखें और फलाहार करें।
  6. दान का महत्व: गरीबों को अन्न, वस्त्र, और जल का दान करें।
  7. पारण: द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करें।

योगिनी एकादशी के लाभ (Yogini Ekadashi Ke Labh)

  1. पापों का अंत: यह व्रत व्यक्ति के जीवन में किए गए पापों को समाप्त करता है।
  2. रोगों से छुटकारा: व्रत करने वाले को शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
  3. आध्यात्मिक शक्ति: व्रत के दौरान भगवान विष्णु की आराधना करने से आत्मिक शांति मिलती है।
  4. सुख-समृद्धि का वास: परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
  5. मोक्ष प्राप्ति: यह व्रत मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करता है।

योगिनी एकादशी का संदेश (Yogini Ekadashi Ka Sandesh)

योगिनी एकादशी का व्रत हमें यह सिखाता है कि पापों का प्रायश्चित करके जीवन को सही मार्ग पर लाया जा सकता है। भगवान विष्णु की कृपा से यह व्रत आत्मा की शुद्धि और मोक्ष का मार्ग प्रदान करता है। इसे पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए।

जय श्री हरि! 🙏

Read More : Related Article