
श्रीमद्भागवत महापुराण की ५ रोचक कथाएँ (Shrimad Bhagwat Mahapuran ki 5 Rochak Kathaye)
सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक श्रीमद्भागवत महापुराण न केवल ईश्वर की भक्ति का संदेश देता है, बल्कि
सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक श्रीमद्भागवत महापुराण न केवल ईश्वर की भक्ति का संदेश देता है, बल्कि
Introduction | परिचय पद्म पुराण (Padma Puran) अठारह महापुराणों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विशाल ग्रंथ है। यह पुराण
Introduction | परिचय ब्रह्म पुराण (Brahma Purana) अठारह महापुराणों में से एक अत्यंत प्राचीन और महत्वूर्ण ग्रंथ है। इसका मुख्य
Introduction | परिचय (Parichay) सनातन धर्म (Sanatan Dharma) की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को समझने के लिए पुराणों का विशेष
Introduction to Shri Vishnu Stuti | परिचय (Parichay) सनातन धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में
Introduction | परिचय (Parichay) भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक स्तुतियाँ और मंत्रों का उल्लेख शास्त्रों में मिलता
Introduction | परिचय (Parichay) “रुद्राष्टकम” (Shiv Rudrashtakam) भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तुति है, जिसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास
Introduction | परिचय भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों के लिए “शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Shiv Panchakshar Stotra)” एक अत्यंत
“जय श्रीराम!” भारत के हृदय में बसी, सरयू नदी के किनारे स्थित अयोध्या, न केवल एक ऐतिहासिक नगर है, बल्कि
रामायण न केवल एक पौराणिक ग्रंथ है, बल्कि यह भारत की आत्मा है, जो मर्यादा, धर्म, कर्तव्य और आदर्शों का
भारत की प्राचीनतम सभ्यता और सनातन धर्म की आत्मा हैं — वेद। ये चार वेद न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृंदावन केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण प्रेमियों के हृदय की धड़कन है।
गोवर्धन परिक्रमा एक आध्यात्मिक और पुण्यदायक यात्रा है, जो ब्रजभूमि में स्थित गोवर्धन पर्वत के चारों ओर श्रद्धापूर्वक की जाती
श्रीमद्भागवत महापुराण में भगवान विष्णु के अनेक लीलाएँ वर्णित हैं। इनमें दैत्यों के जन्म, उनके वध, भक्तों की भक्ति और
हनुमान जी को बल, बुद्धि, भक्ति, और संकटमोचन के रूप में पूजा जाता है। वे भगवान श्री राम के अनन्य
हनुमान जी को संकटमोचन, महावीर, और पवनपुत्र के नाम से जाना जाता है। वे अपार शक्ति, भक्ति, और ज्ञान के
श्री राम केवल एक राजा या योद्धा नहीं थे, बल्कि वे मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूरे विश्व में पूजनीय
श्रीमद्भागवत महापुराण में भगवान विष्णु के अनेक लीलाएँ वर्णित हैं। इनमें दैत्यों के जन्म, उनके वध, भक्तों की भक्ति और
भगवान श्रीराम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। उनका अवतरण अधर्म के विनाश और
माँ दुर्गा शक्ति, भक्ति और सिद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। दुर्गा सप्तशती में उनकी महिमा का विस्तार से वर्णन मिलता
Shrimad Bhagwat Mahapuran : सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक श्रीमद्भागवत महापुराण न केवल ईश्वर की भक्ति का
माँ दुर्गा को शक्ति, पराक्रम और सृष्टि की पालनहार देवी माना जाता है। वे असुरों के संहार और धर्म की
माँ दुर्गा की “जय अम्बे गौरी” आरती भक्तों के हृदय में भक्ति, श्रद्धा और ऊर्जा का संचार करती है। यह
हिंदू धर्म में देवी की स्तुति के लिए अनेक स्तोत्र उपलब्ध हैं, लेकिन “आयि गिरिनंदिनी” अर्थात महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र विशेष रूप