
प्रबोधिनी एकादशी 2025 | Prabodhini Ekadashi 2025
प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे “देवोत्थान
प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे “देवोत्थान
रमा एकादशी, जिसे आश्विन कृष्ण एकादशी या कृष्णा एकादशी भी कहा जाता है, का विशेष महत्व है। यह एकादशी भाद्रपद
पापांकुशा एकादशी, जिसे पुण्य व्रत या शरीर एकादशी भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखती है। यह
हिंदू धर्म में हर एकादशी का अपना अलग महत्व है, लेकिन इंदिरा एकादशी का स्थान अत्यंत विशिष्ट है। इसे आश्विन
चैत्र नवरात्रि का नवम दिन अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। उनका यह रूप
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि का
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के षष्ठम स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का
चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता को
चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। उनका यह रूप
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। उनका यह रूप
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। यह दिन साधना,
Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि, हिंदू धर्म में एक पवित्र और शुभ पर्व है जो मां दुर्गा के नौ
पद्मा एकादशी, जिसे परिवर्तिनी एकादशी या वामन एकादशी भी कहा जाता है, का विशेष महत्व है। यह भाद्रपद शुक्ल पक्ष
हिंदू धर्म में एकादशी तिथियों का विशेष महत्व है, और उनमें से अजा एकादशी का स्थान अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण
हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। इसे हरिशयनी एकादशी और पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना
हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का विशेष महत्व है। यह आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी जी और संतोषी माता को समर्पित है। इस दिन को शुक्र ग्रह का दिन माना
रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। सूर्य देव को ऊर्जा, प्रकाश, और जीवन का स्रोत माना जाता है।
बृहस्पतिवार व्रत कथा (Guruvar/Brihaspativar Vrat Katha) प्राचीन काल में एक राज्य में एक दानी राजा और उनकी रानी रहते थे।
मंगलवार व्रत भगवान हनुमान जी को समर्पित है। इसे रखने से भक्तों को हर प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती
शनिवार व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि यह व्रत शनि देव की पूजा के लिए किया जाता है। शनि देव
शुक्रवार व्रत माता लक्ष्मी को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से धन-धान्य, सुख-समृद्धि, पारिवारिक सुख, और विशेष रूप से
बुधवार व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से ज्ञान, बुद्धि, व्यापार और परिवार में सुख-शांति