भगवान श्रीकृष्ण का जीवन केवल युद्धों और रणनीतियों तक सीमित नहीं था, बल्कि वे करुणा और रक्षा के प्रतीक भी थे। महाभारत में एक महत्वपूर्ण घटना है जब श्रीकृष्ण ने अजन्मे बालक परीक्षित की रक्षा की थी। यह घटना महाभारत युद्ध के बाद घटित हुई, जब अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र के प्रहार से गर्भस्थ परीक्षित मृत्यु के द्वार पर थे, लेकिन श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से उन्हें बचाया।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने परीक्षित की रक्षा की और यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है।
महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था। कौरवों का विनाश हो गया था और पांडवों ने धर्मराज युधिष्ठिर के नेतृत्व में हस्तिनापुर का राजपाठ संभाल लिया था।
लेकिन इस युद्ध के बाद भी एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जिसने पूरे पांडव वंश को संकट में डाल दिया।
युद्ध के दौरान पांडवों ने गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा का वध नहीं किया था, लेकिन उसके क्रूर कृत्य के कारण श्रीकृष्ण ने उसे श्राप दे दिया था कि वह अनंत काल तक कष्टदायी जीवन जियेगा।
क्रोध में आकर अश्वत्थामा ने उत्तर (जो अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु की पत्नी थीं) के गर्भ में पल रहे उनके अजन्मे बालक को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर दिया।
यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य लीला का प्रदर्शन किया।
भगवान श्रीकृष्ण पहले ही पांडवों के रक्षक थे और उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए महाभारत युद्ध में भाग लिया था।
जब उन्होंने देखा कि परीक्षित पर ब्रह्मास्त्र का प्रभाव पड़ने वाला है, तो उन्होंने अपनी योगमाया शक्ति का प्रयोग किया।
इस घटना के बाद, जब बालक का जन्म हुआ, तो सभी ने देखा कि वह अत्यंत दिव्य तेज से युक्त था।
बालक ने जन्म के तुरंत बाद अपनी आँखें खोलीं और चारों ओर देखने लगा। ऐसा कहा जाता है कि वह हर व्यक्ति को ध्यान से देख रहा था, मानो वह भगवान श्रीकृष्ण को खोज रहा हो।
चूँकि उसने जन्म के बाद हर व्यक्ति की “परिक्षा” (जाँच) की, इसलिए उसका नाम परीक्षित रखा गया।
भगवान श्रीकृष्ण केवल योद्धा नहीं थे, बल्कि एक पूर्ण संरक्षक और प्रेममूर्ति भी थे। उन्होंने परीक्षित की गर्भ में रक्षा कर यह सिद्ध किया कि उनकी भक्ति और कृपा से असंभव भी संभव हो सकता है।
उनकी यह लीला हमें सिखाती है कि जब भी कोई संकट आए, तो ईश्वर पर अटूट विश्वास बनाए रखना चाहिए। जो व्यक्ति श्रीकृष्ण को सच्चे हृदय से पुकारता है, उसकी रक्षा स्वयं भगवान करते हैं।
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